वियोगी होगा पहला कवी
आह से निकला होगा गान
निकलकर नैनो से चुप चाप
वोही होगी कविता अनजान
Thursday, September 16, 2010
एक विचार
शाम सूरज को ढलना सिखाती है
शमा परवाने को जलना सिखाती है
गिरनेवाले को तकलीफ तोह जरुर होती है
पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है
शमा परवाने को जलना सिखाती है
गिरनेवाले को तकलीफ तोह जरुर होती है
पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है
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